Koi remedy ya upaay karne se meri studies fast ho sakti hai kya. aur pass hone ke liye koi upay hai apke pass
जिन बच्चो का मन पढाई में न लगता हो अथवा पढ़ने में कमजोर हों तो मूँगा को कॉपर में जड़वाकर मंगलवार के दिन धारण करायें, निश्चित रूप से लाभ होगा।
परंतु रतन धारण करने से पहले ज्योतिष् विशेशग्य से सलाह आवश्या लीजिए
उगर किसी कारण मूँगा नही पहना सकते है। तो मंगलवार के दिन मसूर की बिना छिलके वाली लाल दाल को लाल रंग के कपडे की थैली बनाकर बैंग में रखने से मन पढ़ाई में लगने लगता है।
विद्यार्थियों के लिये हनुमान जी की सिद्धि विशेष सहज है, क्योकि उन पर मारूति शीघ्र कृपा करते है। उनसे पवित्रता तथा श्रद्धा की अपेक्षा की जा सकती है। शनिवार के दिन हनुमान जी को तेल चढ़ाने से शनैश्चर का प्रकोप शांत हो जाता है। शनि की कुदृष्टि से ग्रस्त महानुभावों को यह प्रयोग करना चाहिये। यह सभी सिद्धियाँ अनुभव सिद्ध है। इनमें साधक को जो शांति प्राप्त होगी वह असीम है।
श्रीहनुमान के कुछ जप पाठ तथा सर्वसिद्धि कवचन एवं मंत्र पाठकों की सेवा में सविधी दिये जा रहे हैं विश्वास है, पाठक इनसे लाभ उठायेगें। न्यास:- ऊँ ह्रां अंजनीसुताय अंगुष्ठाभ्यां नमः। ऊँ ह्रीं रूद्रमूर्तये तर्जनीभ्यां नमः। ऊँ ह्रूं रामदूताय मध्यमाभ्यां नमः। ऊँ ह्रै वायुपुत्राय अनामिकाभ्यां नमः। ऊँ ह्रौं अग्निगर्भायनिष्ठिकाभ्यां नमः। ऊँ ह्रः ब्रह्मास्त्रनिवारणाय करतकरपृभठाभ्यां नमः। ऊँ अंजनीसुताय हृदयाय नमः। ऊँ रूद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा। ऊँ रामदूताय शिखायै वषट्। ऊँ वायुपुत्राय कवचाय हुम्। ऊँ अग्निगर्भाय नेत्रत्रयायवौषट्। ऊँ ब्रह्मास्त्रनिवारणाय अस्त्राय फट्।। ध्यानः- ध्यायेद् बालदिवाकरद्युतिनिभं देवारिदर्पापहं देवेन्द्रप्रमुखं प्रशस्तयशसं देदीप्यमानं रूचा। सुग्रीवादिसमस्तवानरयुतं सुव्यक्ततत्त्वप्रियं संरक्तारूणलोचनं पवनजं पीताम्बरालंकृतम्।। प्रातः कालीन सूर्य के सदृश जिनकी शरीर कांति है जो राक्षसों का अभिमान दूर करने वाले, देवताओं में एक प्रमुख देवता, लोकविख्यात यशस्वी और अपनी असाधारण शोभा से देदीप्यमान हो रहे है। सुग्रीव आदि सभी वान जिनके साथ हैं, जो सुवक्त तत्त्व के प्रेमी है। जिनकी आंखें अतिशय लाल है और जो पीले वस्त्रों से अंलकृत हैं, उन पवनपुत्र श्रीहनुमान जी का ध्यान करना चाहिये।’ नीचे जो मंत्र दिये जा रहे है, सबका या तो एक बार पाठ कर लें या उनमें से एक मंत्र चुनकर अपने कार्य के अनुसार पाठ करके शेष मंत्रो को पढ़कर हवन करें।